बदमाश ने महिला हो धक्का देकर चलती ट्रेन से गिराया, पर्स छीनने का विरोध करते समय दिया घटना को अंजाम

बदमाश ने महिला हो धक्का देकर चलती ट्रेन से गिराया, पर्स छीनने का विरोध करते समय दिया घटना को अंजाम

बीना. ट्रेन में यात्रा कर रही एक महिला के साहस और बहादुरी ने बदमाश के हौसले पस्त कर दिए और बचने के लिए उसने महिला को धक्का देकर ट्रेन से फेंक दिया। यह मामला अंडमान एक्सप्रेस में सामने आया है, जिसमें एक बदमाश महिला का पर्स छीन रहा था और महिला ने उसका डटकर मुकाबला किया। महिला के ट्रेन से गिरने के कारण उसके सिर में चोट आई है, जिसका अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया गया और परिजनों को सूचना देकर बुलाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार राजकुमारी पति गिरजाशंकर पाठक (53) निवासी सद्गुरु सोसायटी, राधा कृष्णनगर नागपुर अंडमान एक्सप्रेस के एस-1 कोच की बर्थ क्रमांक 68 पर पनवेल से नागपुर की यात्रा कर रही थीं। ट्रेन रात करीब 12.30 बजे स्टेशन के आउटर पर पहुंची थी, जहां एक बदमाश महिला का पर्स छीनकर भागने लगा, जिसे महिला ने पकड़ लिया और पर्स वापस लेने के लिए पूरा जोर लगाया। इसके बाद आरोपी ने चाकू दिखाकर डराने की कोशिश की, लेकिन महिला फिर भी पीछे नहीं हटी और फिर बदमाश ने पकड़े जाने के डर से महिला को चलती ट्रेन से धक्का देकर गिरा दिया। इसके बाद वह पर्स छीनकर भाग निकला। पर्स में मोबाइल, नकदी और दस्तावेज रखे हुए थे। ट्रेन से गिरने के कारण महिला को सिर में चोट आई है। रात में ट्रैक की पेट्रोलिंग करने वाले रेलकर्मियों ने होम सिग्नल के पास घायल महिला को देखा, तो आरपीएफ को सूचना दी। आरपीएफ ने महिला को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। जीआरपी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, आरपीएफ ने महिला को रात करीब 2 बजे अस्पताल मेेें भर्ती कराया था, लेकिन जीआरपी को सूचना नहीं दी और न ही महिला के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश की, जिससे सुबह 10 बजे तक जीआरपी थाना से कोई पूछताछ करने नहीं पहुंचा था।
डॉक्टर ने गूगल से निकाला दामाद का नंबर
अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉ. वीरेन्द्र ठाकुर ने महिला का इलाज किया और होश आने पर परिजनों का नंबर मांगा, लेकिन वह नंबर नहीं बता पाईं। महिला ने बताया कि दामाद सुखविंदर सिंह पलवल के टोल प्लाजा पर काम करता है, इसके बाद डॉक्टर ने गूगल की मदद से करीब आधा घंटे में टोल प्लाजा का नंबर निकाला और दामाद से बात की। सूचना मिलने के बाद पति गिरजाशंकर और बेटा मृत्युंजय नागपुर से बीना के लिए रवाना हुए, जो रविवार दोपहर 12 बजे पहुंचे और महिला को घर ले गए। समाजसेवी शिवम पाठक, सोनू शर्मा द्वारा महिला को कपड़े सहित अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई थी

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